शिमला के चारों ओर

तारा देवी: तारादेवी शिमला बस अड्डे से 11 कि.मी. है। तारा देवी एक मन्दिर है जो की भगवान के द्वारा दिया गया है। और यह सबसे ऊँचे शिखर पर है। वहां पर मीलीट्री डेअरी कसबा है यहां जैसे की भारत सकोउट का प्रधान कार्यालय और मार्गदर्शक है।ये 6,070 फीट की ऊँचाइ पर है। जो व्यक्ति शांति चाहते हैं और कुछ आराम चाहते है उनके लिए तारा देवी एक आर्दश का स्थान है।  

संकट मोचन: एक प्रसिद्ध हनुमान का मंदिर यहा़ं पर स्थित है। हम मंदिर से शिमला के अति उत्तम दृश्य देख सकते है। यहां कार के द्‌वारा और पैदल चलकर जा सकते है। 

मशोबरा: ये शिमला से 13 कि.मी. दूर है। मशोबरा बहुत अत्ति उत्तम पिकनीक की जगह है। मशोबरा आर्दश यात्रा के दौरान बलुत की लकड़ी और चीड़ के पेड़ो को देखने का अवसर प्रदान करता है। मशोबरा में जुन के महीने में आखरी सिपी मेला लगता है। और इसके नज़दीक ही एक रैस्ट हाऊस करेन्जनानो है जो की मशोबरा से ३ कि.मी. है और ये एक सुन्दर छुट्टी बिताने का रिर्सोट है।

नालदेरा:  नालदेरा 23 कि.मी. आकाश की पृष्ठ भूमि में क्षितिज़ पर स्थित वस्तुओं की रुप रेखा से जुड़ी है साथ ही कैनीफर से लहराते हुए पहाड़ और बड़े-बड़े देवदार के पेड़ इसे सबसे अलग जगह बनाते है। पिकनीक के लिए बसों और टेक्सी की सेवाएं सुव्यवस्थित है। हिमाचल प्रदेश नगरनिगम विभाग नगरपालिका रेस्टुरेन्ट होटल गोल्फ़ के लिए खाली जगह और गोल्फ़ कल्ब की सेवाएं भी उपलब्ध करवाता है।

तत्तापानी: तत्तापानी सतलुज नदी के किनारे पर स्थित है और ये गर्म पानी के झरने के लिए जाना जाता है। बस और टेक्सी की सेवाएं उपलब्ध है।

वाइल्ड फलोर हाल: लकडी का बना हुआ हाल 13 कि.मी. छिपा हुआ सलाएवान से चारो ओर से घीरा हुआ है। हिमाचल प्रदेश नगरनिगम विभाग नगरपालिका का राजकीय होटल वाइल्डफलोर हाल महाबली हिमालय के एक शानदार दृश्य को देखने का अवसर प्रदान करता है और बार-बार होने वाली बर्फबारी का दृश्य भी दिखाता है। ग्रीष्मऋतु में आकर्षक और पतझड़ में सम्मोहक और जब सर्दी आती है तो यह बर्फ से ढक जाता है । वाइल्‍ड फलोर हाल एक लोकोत्तर सा दिखता है।

फल अनुसन्धान चौकी: सबसे बड़ी फल अनुसन्धान चौकी 18 कि.मी. उत्तरी भारत में है।

कुफरी: 16 कि.मी. कुफरी स्की- स्लोप के लिए जाना जाता है। और अच्छे दृश्य के लिए जाना जाता है। यह आलु अनुसन्धान चौकी भी है। शिमला में प्रर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक छोटा चिड़िया घर भी है जो की घने ज़गलों के बीच में है जहां पर बहुत कम नस्ल वाले ज़गली जानवर है और लम्बी पुंछ वाले जाती(किस्म) के जानवर हिमालय के ज़गलों में अनुभव जनित रुप से खोजे जाते है जो की प्राकृतिक आवास स्थान है।