शिमला रो इतिहास

शिमला गौरखा युद्धा बासिया 1819 सा दे अस्तित्व दे आशौ। सैजे बौगता दे पातली झुखड़ी रे द्वारा चिन्हित कियौ सेऔ मान्दर देवी माता ‘श्यामला’ रे नांवा कौरी ज़ाणा था जो कि ब्रिटिशा रे जरिऐ लोड़ौ

थौ। ब्रिटिश अफ़सर वतावरणा रे हिसाबा का इया छुट्टी काटते आशा था और सेज़ै साला दे गौर्मी दे तम्बु लाइयौ रौआ था। सन् 1822 सा दे कप्तान कन्नेडीआ सौबिका पैहला दुई मंज़िला रौ घौर च़ाणौ थौ जो कि कन्नेडी हॉऊसा रे नांवा का जाणा। अमहरस्तजो कि पैहला जनरल गर्वनर थौ। सेऊ 1827 सा दे कन्नेडी हॉऊसा दे रौऔ थौ। ऐऊ विलियम बैनटिन्कसा रै बौगते दी हुऔ थौ जेबी शिमला माथी भारत सरकारा कौब्जो कियौ थौ। शिमला रौ पुराणौ डाक बांगलौ प्रसिद्ध ग्रेन्ड होटल़ जो आज़ बेंटिक महला खै एक साइट प्रदान कौरणै खै ढ़ाल़ौ थौ। शिघ्री ही शिमला ब्रिटिश भारत सरकारा री ग्रीष्मकालीन राजधाने बौणौ। प्रभु बेंटिका रे उत्तराधिकारी भगवान अॉकलैंड अॉकलैंड हॉऊसा रे रुपा दी ज़ाणा था जो शिमला सीमा रे उत्तरी पूर्वी दौमा माथी एक निवास चुनों थौ।अॉकलैंड हॉऊस शिमला रे सौबिका पुराणैं घौरौ मांजी का एक शानदार गींदु और अभिनय रौ एक परिदृश्य थौ।

1864 दे ब्रिटिशा शिमला आपणी ग्रीष्मकालीन राजधानी च़ाणै और ऐ1939 ज़ौऊ ता बौणी रौऐ पर मैदानी इलाका का अधिकारीयौं रौ ग्रीष्मकालीन प्रस्थान, 1947 बासिया खौतम हुई गौ।शिमला रै पूर्वी पंजाबा री अस्थाई राजधानी रै रुपा दी आपणी सेवा खुली छाड़ी जैबी जौऊं चड़ीगढ रे नौए शैहरा रे रुपा दे नाईं बौणीं और 1966 बासिया हिमाचल प्रदेशा री राजधानी बौणीं गौई।